सब गलती लड़की की
कब तक लड़किया हमारी गलतियों का बोझ सहेंगी?
घर पर भोजन नहीं बना तो गलती लड़की की।
घर पर कपडे नहीं धुले तोह गलती लड़की की।
परिवार में समस्या है तो गलती लड़की की।
आर्थिक स्तिथि खराब है तो गलती लड़की की।
किसी ने छेड़ा या बलात्कार हुआ तो गलती लड़की की।
बिना दहेज़ के शादी नहीं हुई तो गलती लड़की की।
दहेज के साथ या बिना दहेज के शादी हो गयी
तो ससुराल में हो रही सारी गलती लड़की की।
शादी के बाद बच्चा नहीं हुआ तो गलती लड़की की।
शादी के बाद बच्चा हो गया पर बिगड़ गया तो भी गलती लड़की की।
घर से लेकर ससुराल तक, लड़किया जो भी करे, या ना करे, सब गलती लड़की की।
और अगर अपनी इक्छा से कुछ कर लिया, वो सबसे बड़ी गलती।
इनमें से कोई भी गलती लड़की की नहीं है।
क्यूंकि ये सब “गलती” गलती नहीं होती अगर बाकी लोग उसका साथ देते।
पर सबने सारे आरोप का बोझ लड़कियों पे दाल दिया है।
एक बार भी मैंने ये नहीं सूना की कोई गलती लड़के की हो।
जिसको सर पर चढ़ाके रखते है उसकी गलती कभी नहीं दिखेगी।